पांचवी सूची में VARUN GANDHI का टिकट कटा
भाजपा ने कल 24 मार्च 2024 को लोकसभा के चुनाव के मद्देनजर अपनी प्रत्याशियो की पांचवी लिस्ट जारी कर दी । इस सूची में भाजपा ने पीलीभीत लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से वरुण की बजाय उत्तर प्रदेश के PWD मंत्री जितिन प्रसाद को उम्मीदवार बनाया है। जबकि श्री मती मनेका गाँधी को सुलतानपुर सीट अपना प्रत्याशी बनाया है । वर्त्तमान में भी श्री मती मनेका गाँधी सुलतानपुर सीट का लोक सभा में प्रतिनिधित्व करती है।
पीलीभीत सीट:VARUN GANDHI परिवार का राजनीतिक प्रभाव
पिछले दो दशकों से पीलीभीत सीट का प्रतिनिधित्व VARUN GANDHI या उनकी माँ श्रीमती मनेका गांधी करती आई है । वरुण गांधी ने पहली बार 2009 के लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार के रूप में पीलीभीत सीट जीती थी। बाद में 2014 में यह सीट श्रीमती मनेका गांधी ने जीती । पुनः 2019 के चुनावों VARUN GANDHI ने यह सीट सपा के प्रत्याशी हेमराज वर्मा को लगभग 2,55,000 वोटो के भारी अंतर से हराकर जीत लिया था । यह सीट भाजपा के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण सीट है । यहाँ 19 अप्रेल को पहले चरण में मतदान क्या जाएगा । नामांकन प्रक्रिया पहले ही बुधवार को शुरू हो गई है ।
क्या VARUN GANDHI निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे?
पिछले कुछ दिनों से कयास लगाए जा रहे थे कि अगर भाजपा VARUN गाँधी को टिकट नहीं देती है तो वह समाजवादी पार्टी के टिकट से चुनाव लड़ सकते है । हालांकि, सपा ने 20 मार्च को भगवत शरण सिंह को प्रत्याशी घोसित कर दिया है | अभी कुछ दिनों पहले ही खबर आई थी कि VARUN GANDHI के समर्थको ने चार सेट नामांकन पत्र खरीदे है। इसकी पुस्टि करते हुए सांसद के प्रवक्ता एमआर मलिक ने कहा कि गांधी के निर्देशों पर, उन्होंने चार सेट नामांकन पत्र खरीदे हैं ,दो हिंदी में और दो अंग्रेजी में। अब यह देखना दिचस्प हो जाएगा कि क्या VARUN GANDHI अपनी ही पार्टी के प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे ?
सरकार के खिलाफ कई मद्दों पर मुखर रहे VARUN GANDHI
किसान आंदोलन
नजरपिछले कुछ दिनों में VARUN GANDHI अपनी ही सरकार के खिलाफ कई मद्दों पर काफी मुखर नजर आ रहे थे । किसान आंदोलन के मुद्दे पर ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा था कि मुजफ्फर नगर में आज प्रदर्शन के लिए लाखो किसान जुटे है । वो हमारे ही खून हैं । हमें उनके साथ फिर से सम्मानजनक तरीके से जुड़ने की जरूरत है । उनका दर्द समझें , उनका नजरिया देखे और जमीन तक पहुंचने के लिए उनके साथ काम करें । VARUN GANDHI के इस ट्वीट पर भाजपा ने कहा था की उन्हें यह सलाह देने की जरूरत नहीं है और भाजपा किसान के लिए ठोस उपाय कर रही है ।
हम आपको बताते चले कि VARUN गाँधी का जन्म 13 मार्च 1980 नै दिल्ली में हुआ था । उनके पिता श्री संजय गाँधी का निधन जून 1980 में एक विमान दुर्घटना में हो गया था । VARUN गाँधी एक राजनेता के साथ साथ बहुत ही बेहतरीन लेखक भी है | उनकी किताब Rural Manifesto: Realizing India’s Future through Her Villages और The Indian Metropolis : Deconstructing India’s Urban Spaces है ।
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